मेरी सांसों में आज तेरी सांसें घुल जाये तुझे छूकर ऐसे हम तुझे पाये... मेरी सांसों में आज तेरी सांसें घुल जाये तुझे छूकर ऐसे हम तुझे पाये...
वह शरमाई, सकुचाई, कसमसायी, और मेरी बाँहों में चली आयी ! वह शरमाई, सकुचाई, कसमसायी, और मेरी बाँहों में चली आयी !
क्यों चन्दा गोरा होता है, सूरज बिल्कुल लाल।। दादी के क्यों नहीं लगाए मेरे जैसे गाल क्यों चन्दा गोरा होता है, सूरज बिल्कुल लाल।। दादी के क्यों नहीं लगाए म...
अपने अपनों के रंग में रंगने आज चल पड़े। अपने अपनों के रंग में रंगने आज चल पड़े।
हवा बसंती हो गई बिखर गए है रंग बिना पिए ही लग रहा चढ़ा हो जैसे भंग।। हवा बसंती हो गई बिखर गए है रंग बिना पिए ही लग रहा चढ़ा हो जैसे भंग।।
क्या कभी मेरी याद भी आती है या बिल्कुल ही लापता हूँ मैं तुम्हारी ज़िंदगी से। क्या कभी मेरी याद भी आती है या बिल्कुल ही लापता हूँ मैं तुम्हारी ज़िंदगी से।