लापता हूँ मैं
लापता हूँ मैं
अरसे से देखा नहीं तुम्हें
बताओ न अब तुम कैसे लगते हो
क्या अब भी गालों पर
गड्डे पड़ते हैं जब तुम हँसते हैं..
क्या अभी भी हिचकियाँ चलती हैं
जब तुम रोते हो
आज भी चाय के साथ
बिस्किट खाते हो क्या।
समोसे की चटनी के लिये लड़ते हो क्या
बताओ न कैसे लगते हो
आज भी बेवजह मुस्कुराते हो क्या
पानी की बौछारों से डरते हो क्या।
क्या कभी मेरी याद भी आती है
या बिल्कुल ही लापता हूँ मैं तुम्हारी ज़िंदगी से।

