प्रेम और याद
प्रेम और याद
कभी कभी मुझे लगता है प्रेम दबे इलेक्ट्रान या आर्टिफिशिएंसी सी कोई याद है, जो हर रात आँखें मांगती है। शायद यही प्यार है, कहते हैं इश्क में पाना क्या और खोना क्या? यहां कोई भी खोकर भी पा जाता है और कोई पाकर भी खो देता है। एक तरह से ये तुम्हारी राह भी है और मंजिल भी, दर्द मिले या खुशी, प्यार का अहसास हर पल ख़ूबसूरत होता है...!
प्यार कभी खोता नही और न ही अधूरा रहता, कभी साथ रहने पर भी प्यार नहीं होता, तो कहीं बिछड़ने में भी प्यार होता है। किसी से अलग होने के बाद हम उस इंसान से ज्यादा यादों के लिए कहते हैं जिसमें हम संजो सकते थे। हमारी अधूरी कहानियाँ अक्सर यादों में पूरी होती हैं। हम यादों के भंवर में छुपे रहते हैं कि हम साथ होते हैं तो ऐसा होता है, ये कर लेना, वो कर लेना। प्यार में इज़हार होता है, हां या ना का डर होता है, साथ रहना बरकरार रहता है और एक-दूसरे में सारी दुनिया दिखती है...!
जहां मैं और तुम्हारे बीच की दूरी खत्म हुई 'हम' में बदल जाए, वहीं प्यार का जन्म होता है। साथ रहते हुए कम्फ़र्ट महसूस करना बहुत ज़रूरी है। अगर एक-दूसरे पर भरोसा नहीं रहेगा तो प्यार भी नहीं रहेगा। प्यार शब्द में बड़ी ताकत है, इसके एहसास की बात ही कुछ अलग है, इस शब्द में इतनी ताकत है कि इसका होना या सामने आना कभी व्यक्ति लेखक तो कभी शायर बन जाता है। लैला-मजनू, हिर-राझा की अमर प्रेम कहानियाँ अधूरी नहीं थीं। वे तो एक-दूसरे के हो गए थे....!
हमारी हर पल जिंदगी जिद्दी रहती है, बाकी हर पल का कोई भरोसा नहीं होता। इसलिए प्यार से अंतिम तिथि तक, हमें बस उसे अंतिम रूप देना चाहिए। वैसे भी प्यार आज या कल के लिए नहीं बल्कि हमेशा के लिए होता है । आज भी सच्चा प्यार ज़िंदा है, मिसालें आज भी दिए जाते हैं, बस उन्हें ख़त्म करने के तरीके बदल दिये जाते हैं। लव-स्टोरी की हैप्पी एंडिंग पर भी कभी अफसोस नहीं करना चाहिए बल्कि अपनी कहानी को अपनी यादों के साथ पूरा करना चाहिए...!
प्यार की कोई जाति नहीं होती. इसमें कोई शर्त नहीं है, प्यार तो सिर्फ प्यार होता है, प्रेम में अगर कोई हाज़िर हकीकत है तो वो बिजनेस कहलाने जैसा लगता है। समस्या ये है कि इस भावना को कई बार व्यक्ति खुद नहीं समझ पाता। वो भी समझ ले तो उसका परिवार और समाज नहीं समझ पाता। सब लोग प्यार की इस गहराई को नहीं समझ सकते। किसी भी तरह के लाभ-हानि और गुणा भाग से प्रेम दूर होता है। प्यार को इशारा करने के लिए यह ऊपर उठना है। त्याग, बलिदान और समर्पण की तैयारी होती रहती है...!
आज तक जो भी प्रेम कहानियां इतनी लोकप्रिय हैं, तो आखिर क्या थीं वो? प्रेम और सिर्फ प्रेम.....प्रेम जब जीवन से बड़ा हो जाता है तब मृत्यु भी जीवन बन जाती है। प्यार तो एक खुबसूरत अहसास होता है जिसे साधारण लोग समझ नहीं पाते....!

