STORYMIRROR

yaman chhonkar

Romance

4  

yaman chhonkar

Romance

नैन तरसते हैं

नैन तरसते हैं

1 min
324

मुख चन्द्र तुम्हारा देखने को, नैन तरसते हैं,

स्मृति में तुम  समा चुकी, अश्रु  बरसते हैं

जबसे दूर हुई हो हमसे, व्याकुल हम रहते,

ख्वाबों के संग, हम जिंदा है, हर दुख हम सहते,

मुश्किल है तुम बिन चलना, नैन बरसते हैं

गम की दुनियाँ संग, चल नहीं पाते

भूख  प्यास  संग, छोड़ हैं जाते

कष्टों में जीवन है अपना, रंग बिखरते हैं

अधर, अधर ही, अधरन पकड़े

मटक-मटक, मन मटकन जकड़े

मन मृग में चंचल चितवन, प्राण सरकते हैं।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance