भारत के वीर जवान
भारत के वीर जवान
घर को अपने छोड़कर
चल देता सर पर
बांध कफन,
रिपु की गोली खाता है
अपना सीना तान कर
मृदु भाषी होता है
जीवन की परवाह नहीं
घर वाले रास्ता देखें
आयेगा कब पूत इधर
शान से परवान चढ़
रिपुमर्दन को डटा रहा
उन बर्फीले वीरानों में
भारत माता गर्वित होती
ऐसे पूत को देखकर
मर्यादाओं का सम्मान कर
वीर तभी कहलाता है
जब धरा को सींचे
अपने लहू से
वहाँ पूत खड़ा है गोली खाने
यहाँ पिता खड़ा खलिहान पर
सच में मानवता की खातिर
कितनों ने बलिदान दिया
भारत माँ की रक्षा में
हर पल कुर्बान किया
अपने पूतों का दान कर।
