लोरिया माँ की और दादी की कहानी अब नहीं घर में लोगों का वो मिलना अब जुबानी हो गयी। लोरिया माँ की और दादी की कहानी अब नहीं घर में लोगों का वो मिलना अब जुबानी हो ...
दिलों की बढ़ती मोहब्बत का, ये छोटा-सा तोहफ़ा था हाँ कुछ यूँ रुख्सत हुआ ज़िन्दगी से, वो गांव था घर मे... दिलों की बढ़ती मोहब्बत का, ये छोटा-सा तोहफ़ा था हाँ कुछ यूँ रुख्सत हुआ ज़िन्दगी ...
दादा दादी नहीं है साथ और आँखें नम हो गयी हैं तरक्की तो हुई है पर वो ज़िन्दगी अब कहाँ रह गयी है ? दादा दादी नहीं है साथ और आँखें नम हो गयी हैं तरक्की तो हुई है पर वो ज़िन्दगी...
छोड़ गिले शिकवे सभी, कर लो बातें चार। छोड़ गिले शिकवे सभी, कर लो बातें चार।
पक्षियों की चहचहाहट सब मिल गीत गाओ नाचों आया है बसंत। पक्षियों की चहचहाहट सब मिल गीत गाओ नाचों आया है बसंत।
आधी नदीवाली आधी दिवाली आधी सैलरीवाली आधी दिवाली । आधी नदीवाली आधी दिवाली आधी सैलरीवाली आधी दिवाली ।