बच्चे रो रहे थे, बूढ़े सो रहे थे; बाकी रेल-व्यवस्था को गाली दे रहे थे। बच्चे रो रहे थे, बूढ़े सो रहे थे; बाकी रेल-व्यवस्था को गाली दे रहे थे।
लालबती जलती हे फिर घर घर पूजा घर में शाम और सवेरे। लालबती जलती हे फिर घर घर पूजा घर में शाम और सवेरे।
हर मोड़ गली नुक्कड़ से गुज़र कर जाना है। हर मोड़ गली नुक्कड़ से गुज़र कर जाना है।
लाली, चली गयी है, दुकान जाना, अब बेमतलब है, पार्ले जी, अब अच्छा नहीं लगता, इंतज़ार, त... लाली, चली गयी है, दुकान जाना, अब बेमतलब है, पार्ले जी, अब अच्छा नही...
उस दिन ही मेरी वह पहली और आखिरी घूंट थी। उस दिन ही मेरी वह पहली और आखिरी घूंट थी।
इंसा से करें विनती यह मेरे गीत हैं। इंसा से करें विनती यह मेरे गीत हैं।