इस देश में देशभक्त बस, मदिरालय के वासी कौम। इस देश में देशभक्त बस, मदिरालय के वासी कौम।
वरना यह स्वयं द्वारा हारी एक अतुल्य स्मृति होती है ! वरना यह स्वयं द्वारा हारी एक अतुल्य स्मृति होती है !
बारिश भी वही है मिट्टी भी वही है और मिट्टी की खुशबू भी वही है। बस कहीं खो से गए हैं ... बारिश भी वही है मिट्टी भी वही है और मिट्टी की खुशबू भी वही है। बस ...
उस दिन ही मेरी वह पहली और आखिरी घूंट थी। उस दिन ही मेरी वह पहली और आखिरी घूंट थी।
यह नशा तेरे इश्क का कैसे उतरेगा। यह नशा तेरे इश्क का कैसे उतरेगा।
कक्षा मेरे मन को भाए ये सब ही गणित कहलाये। कक्षा मेरे मन को भाए ये सब ही गणित कहलाये।