नशा तेरे इश्क का
नशा तेरे इश्क का
यह नशा तेरे इश्क का,
कैसे उतरेगा,
तू ही बता यह लम्हा कैसे गुजरेगा।
निकाल के तुझको सीने से
नशा दुनिया का कर लिया,
तुझको भूलाने की खातिर
खुद को जहर से भर लिया।
पर वह खुमार तेरी बातों का
कैसे उतरेगा,
यह नशा तेरे इश्क का
कैसे उतरेगा।
तुम से तो अच्छी हैं
बोतल शराब की,
सीने से लग जाती है
जब आती याद यार की।
यह मद तेरी यादों का
कैसे उतरेगा,
यह नशा तेरे इश्क का
कैसे उतरेगा।
बोतल में है जो
नशा भरा शराब का,
पूछता है मुझसे
पता मेरे प्यार का।
पागलपन तेरे इंतजार का
कैसे उतरेगा,
यह नशा तेरे इश्क का
कैसे उतरेगा।