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Monika Garg

Others

5.0  

Monika Garg

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इंतजार

इंतजार

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मैंने एक बात छुपाई है तुमसे,

मन्नतो के धागे बांध 

मांगा था मैंने तुम्हें खुदा से,

क्यों दूर हो गए के यह 

आलम सहा ना जाता है,

मुझे आज भी तेरे लौट 

आने का इंतजार रहता है ।

होती है बेताबी सी,

दिल की धड़कन तेरा ही नाम लेती। 

जिस राह पर तू गया छोड़ कर ,

पलके वहीं टिकी रहती है।

नींद तो तुझको भी ना आती होगी,

बेताबी तुझको भी तो सताती होगी।

क्यों न फिर से तू लौट कर आता है ,

मुझे आज भी तेरे लौट 

आने का इंतजार रहता है।


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