Monika Garg

Romance

5.0  

Monika Garg

Romance

तुम

तुम

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मेरी आंखों का

सुरूर हो तुम,

फिर क्या हुआ

अगर थोड़ी दूर हो तुम।


जब चाहे तुमको  

आंखों में बसा लूं,

पलकें बंद करते ही 

तुमको पा लूं।


चाहत नहीं मुझको 

चांद सितारों की,

तेरी एक झलक मिले

मैं खुदा को पा लूं।


रहने दूं चांद तुझको

खुद को जमीन बना लूं।

तुम रहो अपनी 

चांदनी के साथ,


मैं तेरी रोशनी को समेट कर

एक जहां बसा लूं।


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