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Sonam Kewat

Inspirational

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Sonam Kewat

Inspirational

पहली और आखिरी घूंट

पहली और आखिरी घूंट

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जवानी के कुछ मजे थे वो, 

भुलाये भूल नहीं पाते हैं जो

दोस्तों को मेरी फिक्र थी,

और हमें भी उनकी कद्र थी।


कुछ घूंट उनहोंने मुझे पिलायी

और खुद पूरी बोतल चढ़ायी

वो तो नशे पर नशे चढ़ा रहे थे

जोश में फिर गाड़ी चला रहे थे।


आगे जाकर आखिर हुआ वही

जो सपनों में भी सोचा नहीं

मैं बचा पर बाकी मारे गए

माँ बाप के सभी सहारे गए।


घरवालों को जाने क्या हुआ

और मेरे बचने पर हुई दुआ

उस घटना ने कुछ ऐसा डराया

मैंने फिर शराब को हाथ न लाया।


जिंदगी अब जी भर के जीता हूँ

शराब नहीं बस गम को पीता हूँ

वक्त था वो जब शराब की लूट थी

उस दिन ही मेरी वह पहली और 

आखिरी घूंट थी। 


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