मेरे गीत
मेरे गीत
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फूलों वाली माला गीतों में गूंथ दूं
गाय जिसे जमाना सुगंध की तरह
नफरत को काट भेदभाव कर दूं सब परे,
मिल कर रहे जमाना फिर प्रेम की तरह।
मैं तेरी जात छोटी ना मेरी ऊंची हो,
समझे तुझे जमाना तो कर्म हो वजह।
मोटर न गाड़ी बंगला ना सोना चांदी,
दुखियों की है दुआएं खजाने की तरह।
मतलब के लिए काट चुके वृक्ष है बहुत
तरसे हैं बूंद बूंद को जातक की फिर तरह।
सिंगार वाली रचना कैसे मैं कर सकूं,
नजरों में घूमी दुनिया जलजले की तरह।
इंसा से करें विनती यह मेरे गीत हैं।