पवित्र प्रेम
पवित्र प्रेम


प्रेम पाकीजा जागीर है
समर्पण है नहीं जंजीर है
दिल ढूढता है उनको जो
मिलते नहीं है मिलकर
बसे रहते सदा ख्यालों में
डेरा है बस ख्यालों में ही
मिली नजरों से न नजर कभी
कहाँ ख्वाबों की ताबीर है ?
प्रेम पाकीजा जागीर है
समर्पण है नहीं जंजीर है
दिल ढूढता है उनको जो
मिलते नहीं है मिलकर
बसे रहते सदा ख्यालों में
डेरा है बस ख्यालों में ही
मिली नजरों से न नजर कभी
कहाँ ख्वाबों की ताबीर है ?