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Rashmi Lata Mishra

Others

5.0  

Rashmi Lata Mishra

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छुपता-छुपाता

छुपता-छुपाता

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छुपता-छुपाता चला काहे को रे तू

सामने आजा आजा दिल खोल दे।

लूका छिपी होली बहुत अब तो

राज ये दिल जरा तू खोल दे।


इधर से आये कभी उधर से देखो

बातें बनाये बड़ी-बड़ी देखो

बचता बचाता चला काहे को तू

सामने आजा,आजा दिल खोल दे।


नजर उठाये कभी चुराये देखो

प्रीत की रीत उसे आये न देखो

ठहरे न दिल की क्यों गलियों में तू

सामने आजा,आजा,दिल खोल दे।



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