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Rashmi Lata Mishra

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Rashmi Lata Mishra

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बसंत देखो आ गया

बसंत देखो आ गया

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चटकती कलियां कह रहीं

बसन्त देखो आ गया।

गली-गली बहार छाई,

टेसू रंग ये छा गया।


भा गयी किसानों तुमको

पकती फसलों की महक

मिश्री घोलें कानो में,

जो कोयलें रही चहक।

झोंका मन्द बयार का

तन बदन कँपा गया

बसन्त देखो आ गया।


उड़ चली पतंगे देखो

ऊंचे आसमानों में।

मेले की ये ऋतु आई

रंग भरे अरमानो में।

पिया परदेसी का भी

है सन्देशा आ गया।

बसन्त देखो आ गया।



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