भारत के वीर
भारत के वीर


देशभक्तों की भूमि भारत, हर बच्चा एक पहचान है,
वीर, शहीद,देशभक्त इसके, भारत मां की सुंदर शान हैं,
नमन आज उन वीरों को, जिन्होंने दिया बलिदान है,
भारत शहीदों का धाम है, मेरे वीरों का एक पैगाम है।
जतींद्र नाथ दास हुये हैं,जिन्हें जेल में जान गंवाई थी,
खुदीराम बोस ने देखो , हंँस हँसकर फांसी खाई थी,
अशफाक चढ़े फांसी पर, बिस्मिल ने तान सुनाई थी।
उनकी कुर्बानी के बल पर, जगत में ही नाम कमाई थी।
धोखा देकर, गद्दारी कर, पीठ पर वो वार करते हैं,
जांबाजों का नाम सुनकर, दुष्ट गीदड़ भांति डरते हैं,
माटी को जब सलाम करे, देशभक्त जो आगे बढ़ते हैं
दुश्मन को वे पकड़ पकड़ ,कीड़ों की भांति मसलते हैं।
तिरंगा हमारा झुकने न पाये, माटी को सींचा खून से,
उनकी कुर्बानी रंग लाती है,देश प्रेम के एक जुनून से,
सोने की चिडिय़ा होता था, सभ्यता संस्कृति से भरपूर,
तगड़े, छैल गबरू,जवान हैं,भारतवासी को होता गरूर।
ऋणी रहेगा बिस्मिल का,देशभक्ति की बनते मिसाल,
दुश्मन तो क्या उन्हें छू पाये,नहीं छू पाए उनको काल,
चलती रहेगी परंपरा यूं, भूला नहीं पायेगा यह जहान,
सोने की चिडिय़ा फिर बनेगा, बच्चा बच्चा गायेगा गान।।
याद आता है बीता वो जमाना, बिस्मिल फांसी खाई थी,
भारत के बच्चे बच्चे ने, अपने सीने पर गोली खाई थी,
आजादी पाने की खातिर, जन जन की बलि चढ़ाई थी,
तब आजाद हुई मातृभूमि, हर जन ने खुशी मनाई थी।
आजादी का जश्र मनाये, बस करो, बिस्मिल को याद,
एक दीया याद में जला दो, बस इतनी है मेरी फरियाद,
दीवाली,होली ईद मनाते, उनका भी कुछ करो यशगान,
है सौगंध तुम्हें नहीं भूलेंगे, देश की हो सच्ची पहचान।