छोटे गाँव में हम बसते हैं किन्तु, संग साथ सब को लेकर चलते हैं, एकाकी जीवन तुम्हारा कितना नीरस लगता... छोटे गाँव में हम बसते हैं किन्तु, संग साथ सब को लेकर चलते हैं, एकाकी जीवन तुम्...
जहाँ मदहोशी का आलम न हो, बड़ी बड़ी बातें न हो, रातों से लंबे सपने न हो जहाँ मदहोशी का आलम न हो, बड़ी बड़ी बातें न हो, रातों से लंबे सपने न हो
धरा ने देखो अद्भुत शृंगार किया है अहा ! बसंत का देखो पीत दर्पण। धरा ने देखो अद्भुत शृंगार किया है अहा ! बसंत का देखो पीत दर्पण।
भीगते-खेलते बच्चे सब भागे घरों की ओर किसानों के चेहरे पर मुस्कान छाई। भीगते-खेलते बच्चे सब भागे घरों की ओर किसानों के चेहरे पर मुस्कान छाई।
लोरी के बोलों को बोए, सपनों के सिराहने , लोरी के बोलों को बोए, सपनों के सिराहने ,
खेत जब मेरा फसल से लहलहाया कविता ने भी कागज़ पे रूप अपना पाया। खेत जब मेरा फसल से लहलहाया कविता ने भी कागज़ पे रूप अपना पाया।