तलखदारी(गजल)
तलखदारी(गजल)
जिंदा अगर जिंदगी है तो मौत की भी तैयारी रखो,
मत समझो जागीरदारी जिंदगी को असल सच्चाई की तैयारी रखो।
छूना चाहते हो आसमां को अगर, परिन्दों की तरह सफर
जारी रखो।
मत सोचो जो मिल गया वो ही
मुकद्दर है, जिंदगी में कुछ और पाने की तैयारी रखो।
बेवफाई करो बेवफा हैं जो
जो वफा हैं उनसे वफादारी रखो।
मत बेच दो ईमान अपना, सुदर्शन जी हुजुरी छोड़कर
तलखदारी रखो।
नेकियों से भी मिल सकता है
अच्छा बुरा सिला फिर भी
नेकियों का सिलसिला जारी रखो।
