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Sudershan kumar sharma

Inspirational

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Sudershan kumar sharma

Inspirational

यादें(गजल)

यादें(गजल)

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मैं बीती हुई कहानी लिख रहा हूँ,

कुछ यादें पुरानी लिख रहा हूँ । 


मुद्दतों से भूल बैठा था जिन्हें

वो ही यादें पुरानी लिख रहा हूँ । 


बहाए थे खूब आंसू जिनके लिए

उन्हीं आंसुओं का पानी लिख रहा हूं, 


खेलता था बांहों में जिनकी

उनकी सच्ची यादों के झूलों

को लिख रहा हूँ । 


बहुत लाड प्यार दिया था

जिन्होंने उनकी चमचमाती

हरकतों को लिख रहा हूँ, 


याद आते हैं बुजुर्ग बहुत

दादा, दादी, नाना, नानी की

कहानी लिख रहा हूं। 


महसूस करता हूं अभी भी जिन्हें

उनकी ताकत रूहानी को लिख रहा हूँ। 


सदा देते थे दुआएं दिल से

उनकी दुआओं से

मिली ताकत से लिख रहा हूँ । 


नहीं मिलते चले जाने के बाद

सुदर्शन उनकी यादों को तरोताजा करने के बहाने लिख रहा हूँ,

काम आती हैं दुआएं अक्सर बुजुर्गों की

सारे जमाने को सुनाने को

लिख रहा हूँ । 



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