मेरा परिवार
मेरा परिवार
मेरा परिवार ही, मेरा संसार है।
इसके बिना यह जग, लगता निस्सार है।
माँ ने निज कोख में, पाला नौ माह है।
कष्ट सहे कई पर, करी नहीं आह है।
सनेह आगार है, करती सदा प्यार है।
भर रही मेरा यह, प्यारा संसार है।।मेरा परिवार...
पुष्ट किया तात ने, धैर्य के भंडार हैं।
सहते सब कष्ट खुद, धरते परिवार हैं।
मात-तात पूज्य हैं, देते नव राह हैं।
प्रेम और ज्ञान के, पयोनिधि अथाह हैं।। मेरा परिवार...
भ्रातृ भगिनी का भी, अद्भुत संसार है।
लड़ते झगड़ते भी, रखते उर प्यार हैं।
बंधन अनोखा है, रखे नहीं धोखा है।
पत्नी संग मिलकर, नव वृक्ष रोपा है।। मेरा परिवार...
