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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Inspirational

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Inspirational

आसान मंज़िल

आसान मंज़िल

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कदम मिला के चलो

तो मंज़िलें आसान बने

चलो जो साथ मेरे

रास्ता न वीरान बने


सफ़र में साथ हो कोई

तो मज़ा आता है

साथ अपनों का हो तो

रास्ता भी कट जाता है

गुजरते पल का मज़ा


और भी आसान बने

चलो जो साथ मेरे

रास्ता न वीरान बने

कदम मिला के चलो

तो मंज़िलें आसान बने


चलो जो साथ मेरे

रास्ता न वीरान बने

सफ़र में थक जाऊँ

बाँहों का सहारा देना


अपनी आँचल की हवा

से मुझको हवा देना

चलें उस ओर ही फिर

बस यही अरमान बने


चलो जो साथ मेरे

रास्ता न वीरान बने

कदम मिला के चलो

तो मंज़िलें आसान बने


चलो जो साथ मेरे

रास्ता न वीरान बने

तुम कभी लड़खडाऔगी

कँधे का सहारा दूँगा


कभी तुम ना चलो तो

तुम्हें गोद में उठा लूँगा 

कभी रुकने ना पाए

सफ़र आसान बने

चलो जो साथ मेरे


रास्ता न वीरान बने

कदम मिला के चलो

तो मंज़िलें आसान बने

चलो जो साथ मेरे

रास्ता न वीरान बने !


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