भैया दूज
भैया दूज
कार्तिक का सित पक्ष, तिथि दूज महा शुभ,
महापुण्य दायक है, सब जन मानिए।
तरणि तनुजा गृह, तरणि तनुज गया।
भ्राता अति खुश हुआ, माहात्म्य को जानिए।
वंदना भगिनी कीन्ही, दिया भ्राता ने आशीष,
प्रगाढ़ सनेह हुआ, वृद्धि नित ठानिए।
अग्रज वचन दिया, भयहीन नर किया,
यमत्रास टालने को, पर्व सीख मानिए।।१।।
भगिनी के पास जाएं , सम्मान भी खूब पाएं,
भगिनी तिलक करें, भ्राता निज पूजिए।
नेह बढ़े नित निज, होय सुदृढ समाज,
पवित्र संबंध को भी, बल नित दीजिए।
खुशियों का पर्व यह, महा मनदुःख दहे,
सर्व दुःख काटकर, सुखी मन कीजिए।
आयुहंता यमराज, ताकी तिथि भैया दूज,
पर्व शुभ मनाकर, आयु दीर्घ कीजिए।।२।।