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Anjneet Nijjar

Inspirational

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Anjneet Nijjar

Inspirational

मौन

मौन

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शब्दों से परे

निःशब्द है मौन।

जब शब्द करे प्रहार

और बन जाए तलवार

प्रत्युत्तर बन जाता मौन ।


शब्दों की महिमा अपरम्पार,

करें व्यंग्य और तिरस्कार,

रक्षा कवच बन जाता मौन।

कहने से हल्की हो जाती,

जब बातें शब्दों में न समाती,

तब वजनदार बन जाता मौन।


अगर शब्द हैं, निर्झर नाद,

कलरव करते हैं संवाद

तब शांति सरोवर सा

एहसास कराता है मौन।

प्रेमी युगल की भाषा है,

प्रेम की परिभाषा है।

आँखों ही ऑंखों में

सबकुछ कह जाता मौन ।


मौन स्वयं ही भाषण है,

व्यक्तित्व का आकर्षण है,

शब्द जहां बिखर जाते

उम्मीद वहां बन जाता मौन।

शब्दों से परे ……

निःशब्द है मौन।



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