"जिंदगी कोई खेल नही"
"जिंदगी कोई खेल नही"
जिंदगी कोई खेल नही,
चाहे जीतें या हम हारें।
हमें जीतना हर हाल में,
जीवन में न हार कभी स्वीकारें।
जिंदगी है,कोई खेल नही,
बुरे संगत का न हो कोई मेल कहीं।
बड़ों को दें सम्मान, छोटों को स्नेह,
प्रेम की बोली रह जाती हैं यहीं।
कुदरत ने दी है हमें जिंदगी,
इसमें ख़ुशियों की रहे बहार।
प्यार मोहब्बत से हम सब रहें,
सबसे करें हम सद्व्यवहार।
जिंदगी कोई खेल नही,
ऐसा जीवन में कुछ कर जाएं।
इतिहास बनेंगे कर्म हमारे,
जो स्मृतियों से न मिट पाएं।
जिंदगी में हमारे कार्य से,
न हो किसी को कोई नुकसान।
मानवता के पथ पर चलकर,
हम बनें एक नेक इंसान।
खूबसूरत सी मिली हमें जिंदगी
खिलवाड़ न इससे करना है,
सत्पथ पर चल कर हमको,
नव प्रतिमान को गढ़ना है।
गुजरा हुआ हर पल जीवन में
लौट कर न आने वाला,
सद्कर्मों से हम जीवन संवार लें,
दूजा जन्म न होने वाला।।
हम से न हो झूठ फ़रेब
जीवन न किसी का बर्बाद हो,
औरों की करें हम ख़ूब मदद
ख़ुशियों से सबका जीवन आबाद हो।।