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Prachi Mishra

Inspirational

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Prachi Mishra

Inspirational

क्यों रोता है

क्यों रोता है

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कोने में बैठ कर क्यों रोता है,

यूँ चुप चुप सा क्यों रहता है।

आगे बढ़ने से क्यों डरता है,

सपनों को बुनने से क्यों डरता है।

तकदीर को क्यों रोता है,

मेहनत से क्यों डरता है।

झूठे लोगों से क्यों डरता है,

कुछ खोने के डर से क्यों बैठा है।

हाथ नहीं होते नसीब होते है उनके भी,

तू मुट्ठी में बंद लकीरों को लेकर रोता है।

भानू भी करता है नित नई शुरुआत,

सांझ होने के भय से नहीं डरता है।

मुसीबतों को देख कर क्यों डरता है,

तू लड़ने से क्यों पीछे हटता है।

किसने तुमको रोका है,

तुम्ही ने तुम को रोका है।

भर साहस और दम, बढ़ा कदम,

अब इससे अच्छा कोई न मौका है।


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