मधुसूदन
मधुसूदन
हृदय में रमते हो
मगर तुम्हारी छवि नहीं दिखती ।
ये मन पुकारे हरदम तुम्हें
पर तुम नहीं सुनते।
दिल की हर धड़कन बुलाए, मेरे मधुसूदन, अंतर्मन भी तुझे पुकारे ,मेरे मधुसूदन
तू जो मेरी धड़कन बन जाए सदा
धड़कन को तेरी समझ लूँ,मेरे मधुसूदन
प्यार नहीं करते मुझे तुम
प्यार नहीं करते।
ये मन पुकारे........
तरस रहे ये नैन तुम बिन, मेरे मधुसूदन
छलक रहे ये नैन तुम बिन, मेरे मधुसूदन
कभी तो मिलेगा चैन यकीन है ये मुझको
दरस तो दोगे एक दिन, मेरे मधुसूदन
इज़हार नहीं करते क्यों तुम
इज़हार नहीं करते।
ये मन पुकारे......
"नीरज" तेरे चरणों में पड़ा, मेरे मधुसूदन
चरण रज की भीख मांगता, मेरे मधुसूदन
कृपा दृष्टि की आस लगाए खड़ा तेरे दर पर क्यों झोली नहीं भरते हो,मेरे मधुसूदन
इकरार नहीं करते क्यों तुम
इकरार नहीं करते।
ये मन पुकारे.....
