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SANDIP SINGH

Inspirational

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SANDIP SINGH

Inspirational

क्या क्या अभिनय कर रहा

क्या क्या अभिनय कर रहा

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क्या क्या अभिनय कर रहा, इनके रूप हजार।

रखवाला का साथ है, बेशुमार है प्यार।।


क्या क्या अभिनय कर रहा, जग का पालनहार।

 नाश झूठ का है सदा, चाहे हो तकरार।।


क्या क्या अभिनय कर रहा, बाल रूप में ईश।

कितने मारे दुष्ट को, अनुपम है जगदीश।।


क्या क्या अभिनय कर रहा, सारे मानव आज।

धारण किया नकाब है, फिरते हैं बन बाज।।


क्या क्या अभिनय कर रहा, साधु भेष में संत।

ठीक आचरण है नहीं, शक में रहे महंत।।



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