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SANDIP SINGH

Romance

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SANDIP SINGH

Romance

आज की रात

आज की रात

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आज की रात बेखौफ रात है,

काली तो है पूर्ण काली रात।

मगर मेरे मन में नव जोश है,

किसी की चेहरा जो सामने है।


बस एक झलक का असर है,

दिलों_दिमाग पर जादू चला है।

मोहिनी सूरत की दिव्य दर्शन से,

मन प्रफुल्लित हो उठा है।


आज सुबह ही मिलने जाऊंगा,

खुशियों से गीत गाता जाऊंगा।

उस नाजनीन का इन्तजार है,

उसी जगह पर खड़ा रहूंगा।


जहां से रुप की रानी गुजरती है,

कल जहां दिव्य दर्शन हुआ था।

आज वहींं इन्तजार में खड़ा हूं,

उन्हें देखने के लिए मचल रहा हूं।


आह! वह आ ही गई,

मैंने रोका कहा हेलो

उसने कही बोलो,

मैंने फूलों का गुलदस्ता दिया।


उसमें मेरे पत्र भी थे उनके लिए,

खुशी से गुलदस्ता लिए आगे बढ़ी।

और मैं भी इस मधुर मुलाकात से,

रोमांचित हो ख्यालों में डूब गया।



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