धीरे धरी जीवन ने,,!
धीरे धरी जीवन ने,,!
धीर धरी इस मन ने,
धीर धरी जीवन ने,
अब,, धीर धरी इन नयन ने,
धीर धरी धड़कन ने,,
धीरज धरा हैं, तुम्हरे नाम का
ध्यान धरा हैं, प्रेम श्याम का,
किस विधि विनय, मैं तुमको पुकारू
किस विधि, अब मनमोहन निहारूं,,
धीर धरी अब अन्तरमन ने,
धीर धरी अब इस जीवन ने,
धीर धरी मेरे व्याकुल नयन ने,,
श्याम सुमन मन,, मोहन रसिया
श्याम नाम हीं, इस मन बसिया
तन, मन, धन सबके हों स्वामी
हैं मनमोहन, अन्तर्यामी,,
धीर धरी,,,,
धीर धरी मेरी हर धड़कन ने,
धीर धरी मेरे हर चिन्तन ने,
धीर धरी इस मन के मनन ने
धीर धरी मेरे इस जीवन ने,,

