अधूरा प्यार
अधूरा प्यार
तलाशते थे हर एक चेहरे में उसका अक्स
उसके जाने के बाद
पता था वो ग़लत था फिर भी पता नहीं क्यूं
उसको गलत मानने का दिल नहीं माना।
बेवफाई के चर्चे मशहूर थे उसके
फिर भी कभी नफरत नहीं हुई
पता नहीं क्यूं क्या जादू कर दिया था मेरे दिल पे
दिन रात उसके इंतज़ार में बिताई
कि आज नहीं तो कल आयेगा
जबकि पता था वो कभी नहीं आयेगा
तेरी हर बात को तवज्जोह दी
जब तू साथ नहीं था
तब भी तेरी हर बात को याद किया
जो तुझे पसंद नहीं था वो कभी नहीं किया
यह जानते हुए भी कि तुम नहीं ही मेरे साथ
तुम्हें कैसे पता चलेगा पर यही मेरा प्यार था
तुम साथ ना होते हुए भी साथ थे।
हर ख्वाब को एक लम्हे की तरह जिया, तुझे महसूस किया
और तेरे साथ बिताया हर लम्हा
अब ख्वाब कि तरह लगता है
सारे ख्वाब भी पूरे नहीं होते पर
कहीं ना कहीं दिल में दफन होते है।