Richa Goswami

Others

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Richa Goswami

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ओस

ओस

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सुबह की रोशनी में, एक नाजुक दृश्य

हीरे की तरह चमकता हुआ, बहुत शुद्ध और चमकदार

ओस की बूँद पत्ते से चिपक जाती है

एक अनमोल रत्न, जम गया एक क्षण।

एक छोटा सा गोला, इतना नाजुक और छोटा 

दुनिया को प्रतिबिंबित करता है

सभी के लिए एक दर्पण। 

हर बूंद के साथ, एक कहानी सामने आती है

प्रकृति की सुंदरता की, अनकहे रहस्यों की।

ओस फूल की पंखुड़ियों को चूमता है

एक कोमल दुलार

ओस की बूंद, सुबह के दृश्य को सुशोभित करती है

प्रकृति का एक उपहार

घास की प्रत्येक पत्ती में एक चमक लाते हैं

ओस की क्षणभंगुर कृपा को संजोएं

और हर अंश में सुंदरता को अपनाएं


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