तन्हाई
तन्हाई
बहूँ त अलग हैं एक दूसरे से हम
फिर भी कुछ है जो जोड़े रखता हैं हमें
एक दूसरे से....
मैं थोड़ा उलझा देती हूँ बातों को,
वो सीधी बात करता है,
मैं दिल की बात करती हूँ
वो ज़िंदगी की बात करता है,
मैं उसकी बात करती हूँ
वो अपने काम की बात करता है,
फिर भी कुछ तो है जो दोनो को जोड़े रखता है
मैं चांद की बात करती हूँ
वो सितारों को ढूंढता है
मैं तितली के पीछे भागती हूँ
वो फूलो की बात करता है
मुझे पसंद है प्यार जताना
वो प्यार छुपा के रखता है
फिर भी कुछ तो है जो दोनो को जोड़े रखता है
हा बहूँ त अलग है वो मुझसे
फिर भी मुझे वो ही पसंद हैं
क्योंकि प्रेम में पाना ही सब कुछ नहीं होता ...
बस यही बात जोड़े रखती हैं मुझे उससे....