Rajan Patel
Others
कितनी है हर पल, ए मुसाफिर,
जिंदगी की हलचल, ए मुसाफिर
ये प्यास फिर मय और फिर तू
बस हम हाेते जलजल, ए मुसाफिर
भीतर है सब में भगवान का रुप
बता तू काैन है निर्बल ए मुसाफिर।
जनता का दर्द
तन्हाई
तेरी मर्ज़ी से...
लेकिन
ए मुसाफिर
क्या करूँ
યે ધડકન
ज़ख्म जहरीला
दिल ए जीगर
दिल