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Sandip Kumar Singh

Romance

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Sandip Kumar Singh

Romance

खुशियां

खुशियां

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आज फिर दिल पर किसी ने दस्तक दी है,

मेरे ज़हन ने फिर न सुनने की हिदायत दी है।


आज मेरे वर्षों से उदास पड़ा दिल ने खुशियां दी है,

और कोई कोमल अनजान सूरत ने इसे रंगी कर दी है,


इन हसीना को मैं दिल में अपने मंजिल कर लिया हूं_

जिसने मुरझाए शक्ल को जीने की बेहतरीन हुनर दी है।


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