आशाओं के दीए
आशाओं के दीए
आशाओं के दीए हम सब जलाएं,
प्रीत से प्रीत के भी दीए हम जलाएं।
रोज आती गमों में मत उलझो यार,
खुशियों से भरे उदगार की दीए जलाएं।
मन में छुपे शैतान का नाश कर दें,
सादगी से भरे भरपूर दिए जलाएं।
तिमिर और दिवस आते जाते रहते हैं,
मनुष्यता के सफ़ल दीए अब जलाएं।
भावनाओं को बगिया सा रखिए,
दुष्ट भाव को मिटाने की दीए जलाएं।
जीवन में दकियानूसी न हावी हो,
ऐसे में सिद्धांत भरे दीए जलाएं।
आए दिन कुकृत्य होते रहते हैं,
इनको ख़त्म करने की दीए जलाएं।
स्वर्ग भी यहीं इसी धरा पर है,
चमन स्वर्गिक करने का दीए जलाएं।
जीवन एक अनमोल वरदान है,
इसे सुरक्षित रखने की दीए जलाएं।
