हुकूमतों को हिलाता रहा मगर बुद्ध की तरह। हुकूमतों को हिलाता रहा मगर बुद्ध की तरह।
कई बुझते मिट्टी के दिए मेरे बस उन पैसों के मोहताज है जो। कई बुझते मिट्टी के दिए मेरे बस उन पैसों के मोहताज है जो।
आते- जाते लोग बस कीमत ही पूछ कर निकल जाते हैं जाते-जाते गरीबों की थोड़ी सी उम्मीद आते- जाते लोग बस कीमत ही पूछ कर निकल जाते हैं जाते-जाते गरीबों की थोड़ी सी उम...