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Anurag Upadhyay

Romance

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Anurag Upadhyay

Romance

तुम मेरे गुलाब हो।

तुम मेरे गुलाब हो।

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गुलाब के फूलों से भी ज्यादा सुंदर हो तुम,

तुमको मैं गुलाब का फूल कैसे दे सकता हूं,

जीवन यूं ही बीत जाए हमारा बस संग तेरे,

जीवन भर तुम्हें फूलों की गोद में बिठाऊं।


क्योंकि प्यार में इससे अनमोल तोहफा नहीं होता,

तुम्हारी आँखें में समंदर है कोई शायद प्यार का,

बस उसी में बैठकर तुम्हें मैं प्यार करता सदा रहूं,

जीवन यूं ही जिता रहूं मैं संग तेरे बस ख्याल रहता है।


वह तो बस एक गुलाब का फूल ही है,

हर प्रेमी की अरदास है उसे प्रिय के लिए,

मेरा गुलाब तो बस तुम ही हो प्राण प्रिय,

जीवन भर संग तुम देना बस मेरा प्रिय।


भंवरा मंडराते हैं ना जानें कितने फूलों पर,

मैं तो बस तुम्हारे इर्द - गिर्द ही घूमता हूं,

गुलाब के फूलों से भी ज्यादा सुंदर हो तुम,

तुमको मैं गुलाब का फूल कैसे दे सकता हूं।


तोड़ कर तुमको पौधे में से,

मैं तुमको खत्म नहीं करूंगा,

प्यार करते हैं हम हमेशा तुमसे ,

तुम्हें हम हर रोज़ देखना चाहेंगे। 



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