पहली नज़र
पहली नज़र
पहली नज़र तुम्हारी दिल में उतर गई।
मैं क्या बताऊं हाल दिल-ए-बेकरार का।
गुजरी क़रीब से तूं एक खुशबू बिखर गई।
जैसे की लहराया कोई डाली गुलाब का।
सब इश्क़ की निशानियां मुझमें है आ गई।
शायद असर हुआ है मुझे पहले प्यार का।
अब देखता हूं आईना मैं दिन में कई बार।
आंखों को ललक रहती है तेरे दीदार का।
थकती नहीं निगाहें तेरी राह देखने से।
ये भी पता नहीं की तेरा है जवाब क्या?
मैं जागती आंखों से तेरी ख़्वाब देखता हूं।
है हाल बुरा अब तो दिल-ए-बिमार का।
अब तूं मिले मनोज तो दिल को मिले सुकून।
तूं मुस्कुरा कर लाज रख ले ऐतबार का।

