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SANDIP SINGH

Inspirational

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SANDIP SINGH

Inspirational

मन वीणा के तार है

मन वीणा के तार है

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मन वीणा के तार है, रखूं मध्य में साज।

गीत प्रेम का मैं सुनूं, कायम रहता राज।।


मन वीणा के तार सा, उड़े फिरे यह तेज।

रखता हूं सम्हाल कर, खुशबू मय हो सेज।।


मन वीणा के तार है, अद्भुत इनके चाल।

मन से राजकुमार हूं, रहे कांत में भाल।।


मन वीणा के तार है, वश में रखना काम।

करता इसे निराश मत, फिर खिलते हैं नाम।।


मन वीणा के तार है, मिले सदा संगीत।

जीने का हो जब हुनर, रहता सदा अजीत।।



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