नारी
नारी
नारियों से हो रहे निरन्तर अत्याचार से
मन दहल उठता है
तब पंक्तियाँ निवदित है
यदि दशा यही रही तो एक दिन
मानव मानव न कहलायेंगे,
अपनी इस वसुंधरा के पुत्र सिंह न कहलाकर
कायर कहलायेंगे,
जारी रहा यदि इसी तरह नारियों से
अभद्रता का क्रम,
तो मांओ की कोख से पुत्र न जन्मे जायेंगे।
नारियों को निर्बल समझकर उन पर
अत्याचार करने वालो को नारी शक्ति का परिचय
जो लोग नारियों को अबला समझकर शौर्य
अपना दिखाने लग जाते हैं,
शायद उन्हे ज्ञात नहीं है कि नारियों से असुर भी
हार मान जाते हैं,
और जो दुशासन जैसा दुर्व्यवहार नारियों से
करने लग जाते हैं,
उसी नारी के कारण ही तो सौ कौरव का
नाश करने पांच पाण्डव रणभूमि आ जाते हैं।
रामायण से पंक्तियाँ नारी शक्ति का परिचय
नारी ही थी वह जिसने बुरे समय मे पतिव्रता का
धर्म अपनाया था,
नारी ही थी वह जिसने रणभूमि मे
अयोध्या नरेश के प्राणों को बचाया था,
नारी का ही प्रेम था वह जो श्री राम जी को
लंका तक खींच लाया था,
नारी ही थी वह जिसने अग्नि परीक्षा देकर
अपने को पवित्र दिखलाया था।
