कभी कल्पना तो कभी हकीकत को छू लेती हूं जो महसूस करती हूं उसे शब्दों में पिरों लेती हूं मुमकिन नहीं कि रख पाऊं आपके सम्मुख हर बात पर कोशिश कर के देख लेती हूं ❤ ektarelan78@gmail.com
मैं मुस्करा कर सोचने लगी कि मैं ऐसे ही डर रही थी पर सच तो ये है कि बच्चें टूर पर जाकर ह मैं मुस्करा कर सोचने लगी कि मैं ऐसे ही डर रही थी पर सच तो ये है कि बच्चें टूर पर...