कभी कल्पना तो कभी हकीकत को छू लेती हूं जो महसूस करती हूं उसे शब्दों में पिरों लेती हूं मुमकिन नहीं कि रख पाऊं आपके सम्मुख हर बात पर कोशिश कर के देख लेती हूं ❤ ektarelan78@gmail.com
No Audio contents submitted.