बहन भाई
बहन भाई
सड़क पर हम बहन भाई
मजे से थे जा रहे
एक गड्ढा आया फिर
गिर गए, कराह रहे
बहन मेरी रोने लगी
एक अंकल आ गए वहां
उठा लिया उसे गोद में
मुझे चलने को कहा
लंगड़ा के मैं था चल रहा
हो रहा मुझे दर्द था
पर मैं खुल के रो न पाया
क्योंकि मैं एक मर्द था
घर पहुँच कर मम्मी ने भी
रोती बहन को पुचकारा था
तू तो मेरा बेटा है
मुझ को ये कह के सारा था
अंदर जा कर रजाई में मैं
फूट फूट कर रो पाया
तब जा कर मन हल्का ह
ुआ
सुकून से मैं सो पाया
बड़े हुए हम दोनों ने
आई आई टी का एग्जाम दिया
पास हो न सके हम दोनों
दोबारा फिर से वही हुआ
बहन मेरी थी रोने लगी
उसको सब ढांढस बंधाते
मुझे कहते तू तो लड़का है
लड़के सब कुछ भूल जाते
रोने का मेरा भी मन था
मेरे लिए शायद मना था
लड़के तो रोते नहीं हैं
बचपन से यही सुना था
अपने बेटे से मैं कहता
जब भी आँख से आँसू छलका
जी भर के रो लेना बेटा
रोने से मन होता हल्का