जुबाँ रूके दम घुटे निकलें आँसू। जुबाँ रूके दम घुटे निकलें आँसू।
मन को मेरे सकून पहुँचाती ये आँसू। मन को मेरे सकून पहुँचाती ये आँसू।
दाग दुखता है, दिखता नहीं। जिन्दगी में भी, जिन्दगी के बाद भी। दाग दुखता है, दिखता नहीं। जिन्दगी में भी, जिन्दगी के बाद भी।
या मेरी बढ़ती उम्र का तकाज़ा है। या मेरी बढ़ती उम्र का तकाज़ा है।
अचानक से तेरी यादों के झोंके, मन को हल्का सहला जाते हैं। अचानक से तेरी यादों के झोंके, मन को हल्का सहला जाते हैं।
अब तो कुछ बोल दो शायद अनकहे रिश्ते को कोई नाम मिल जाएँ। अब तो कुछ बोल दो शायद अनकहे रिश्ते को कोई नाम मिल जाएँ।