writer and poet
अपने मन में इन तीनों गुणों का समन्वय बैठाना है मनन चिंतन में समय बिताना है। अपने मन में इन तीनों गुणों का समन्वय बैठाना है मनन चिंतन में समय बिताना है।
सपने में भी मैं अपने पति को दूसरी औरत से बात करते या उसे देखते हुए बर्दाश्त नहीं कर पाती हूं। सपने में भी मैं अपने पति को दूसरी औरत से बात करते या उसे देखते हुए बर्दाश्त नहीं...
कुछ रिश्तें सवाल बन के रह जाते हैं। .... कुछ रिश्तें सवाल बन के रह जाते हैं। ....
अपनी ही नज़रों को नहीं जमी तो दूसरों का क्या जमेगी यही सोच मिटा दी अपनी ही नज़रों को नहीं जमी तो दूसरों का क्या जमेगी यही सोच मिटा दी