जब बारिश तेज होती है याद तेरी आती है बंद कमरे में हम दोनों और दूर कहीं बजता वो गीत बरखा रानी जरा जम के बरसो मेरा दिलबर जा ना पाए झूम कर बरसो अब आंखे बरस जाती है
इस जमाने में जहां वक्त के साथ साथ ख्यालात भी बदल जाते हैं तुम तो शायद सोच भी नहीं पाते होगे कि कितनी शिद्दत से तुम्हे कोई चाहता है तुम्हारी यादों के सामने कितने बेबस और मजबूर हो जाते हैं हम एक याद तुम्हारी हमारी जान लेने के लिए काफी है सनम