तिनका तिनका
तिनका तिनका
तिनका तिनका बना घोंसला
बूंद बूंद से सागर,
ऐसे ही जीवन बनता है,
देख लो आजमा कर।
छोटी-छोटी ईटों से,
इक दिन घर बन जाता है।
छोटे-छोटे कदमों से,
मंजिल मिल जाती है।
एक छोटा सा बीज एक दिन,
पेड़ बना विशाल।
छोटी छोटी बातें भी,
करती कभी कमाल।
छोटे-छोटे पंखों से ही,
घूमे चिड़िया सारा आकाश।
छोटे-छोटे जुगनू से ही,
होता है रोशन संसार।
बात है बस इतनी सी,
कुछ भी नहीं छोटा,
छोटे छोटे वर्णों से मिलकर,
पोथी बन जाती है।
