ईंट ईंट
लड़, गिर, उठ, फिर लड़, संघर्ष ही तो जीवन का सार है, लड़, गिर, उठ, फिर लड़, संघर्ष ही तो जीवन का सार है,
सब तरफ से ईंटें उठती रही हम थे कि अनजान ही बने रहे। सब तरफ से ईंटें उठती रही हम थे कि अनजान ही बने रहे।
मां अनुभवी थी निष्कर्ष वर्षो के ज्ञान से जनमे थे अविश्वास कैसे करती? मां अनुभवी थी निष्कर्ष वर्षो के ज्ञान से जनमे थे अविश्वास कैसे करती?
ये उम्र नहीं है झूठे बर्तन धोने की, ये उम्र नहीं है ईंट और पत्थर ढ़ोने की, ये उम्र नहीं है भूखे पे... ये उम्र नहीं है झूठे बर्तन धोने की, ये उम्र नहीं है ईंट और पत्थर ढ़ोने की, ये ...
एक छोटा सा बीज एक दिन, पेड़ बना विशाल। छोटी छोटी बातें भी, करती कभी कमाल। एक छोटा सा बीज एक दिन, पेड़ बना विशाल। छोटी छोटी बातें भी, करती कभी कमाल।