Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

tosh goyal

Abstract

2  

tosh goyal

Abstract

अनुभव

अनुभव

1 min
121


कीचड़ पार करने केा दो ईटों ले लेना 

दूसरी ईटों पर खुद का साधते हुए

 पहली को उठाकर आगे रख देना 

इसी तरह

 पहली को दूसरी दूसरी को पहली बनाते हुए

 पार करने का कीचड़ का सैलाब

 मां ने सिखाया था

 मां की सीख थी 

क्यों न मान लेती 

और बाॅध लेती अपने आंचल की कोर में

 इसी गनीतीय फार्मूले के तहत

 मैने शुरू किया था जिन्दगी का सफर 

मां अनुभवी थी

 निष्कर्ष वर्षो के ज्ञान से जनमे थे 

अविश्वास कैसे करती

 वक्त बीता

 बड़ी होती रही मैं 

जाने कितने बरस बीत गये 

तभी पता चला कि

 दो और दो पॅाच करती इस शती में 

मुश्किल है दो ईटों से कीचड़ पार कर लेना 

आज तो 

ईटें भी खोखली हो गयी है

 अधपकी कच्ची

 बाहरी रंग रूप् में लाल 

भीतर से मात्र मिटटी

 कीचड़ में डाल दो 

पाॅव रखो तो कीचड़ में धॅस कीचड़ बन जाती 

कीचड़ भी बदल गयी है दलदल में

 आज तो

 शब्दों के अर्थ तलक बदल गये है 

और अर्थ भी तो वे नहीें रहे जे शब्द कोष में दिये है 

इस दलदल को पार करने को 

कौन सी दो ईटों खोजूॅ

 कि पहली को दूसरी और दूसरी को पहली बनाकर 

तय कर लूॅ ये सफर 

मां से पछना तो चाहती हूॅ पर मां है कहां? 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract